A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
Blog Article
युग सहस्त्र जोजन पर भानु का अर्थ क्या है? हनुमान चालीसा में सूर्य की दूरी और वैज्ञानिक तथ्यों का रहस्य
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
भावार्थ – हे हनुमान जी! [जन्म के समय ही] आपने दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को [कोई] मीठा फल समझकर निगल लिया था।
श्री हनुमान चालीसा - जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
All difficulties stop for that one who remembers the potent lord, Lord Hanuman and all his pains also come to an conclude.
[Maha=wonderful;Beera=Courageous; Vikram=fantastic deeds; bajra=diamond; ang=human body parts; kumati=undesirable intellect; nivara=remedy, clear, ruin; sumati=fantastic intelligence; ke=of; sangi=companion ]
व्याख्या – संसार में रहकर मोक्ष (जन्म–मरण के बन्धन से मुक्ति) प्राप्त करना ही दुर्गम कार्य है, जो आपकी कृपा से सुलभ है।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन
BhīmaBhīmaFrightening rūpaRūpaForm / entire body / form DhariDhariAssuming asuraAsuraDemon samhāreSamhāreDestroy / get rid of
સાળંગપુર હનુમાનજી શ્રી કષ્ટભંજનદેવ – દર્શનનો સમય
When he saw Anjani, Batara Expert was so shocked that he produced semen. The king of the puppet gods rubbed it with tamarind leaves and threw it into the lake. The sinom leaf fell on Anjani's lap. She also picked it up and ate it till she became Expecting. When it was time to present birth, Anjani was assisted by the angels despatched by Batara Expert. She gave start to some baby monkey with white hair, though herself once again experienced a good looking deal with and was taken to heaven as an angel.
.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।
व्याख्या – भजन का मुख्य तात्पर्य यहाँ सेवा से है। सेवा दो प्रकार की होती है, पहली सकाम, दूसरी निष्काम। प्रभु को प्राप्त करने के लिये निष्काम और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता है जैसा कि श्री हनुमान जी करते चले आ रहे हैं। अतः श्री राम की हनुमान जी जैसी सेवा से यहाँ संकेत है।
व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा में read more श्री हनुमान जी की स्तुति करने के बाद इस चौपाई में श्री तुलसीदास जी ने उनसे अन्तिम वरदान माँग लिया है कि हे हनुमान जी! आप मेरे हृदय में सदैव निवास करें।